MS Excel in Hindi

October 07, 2019

एमएस एक्सेल 2013 का परिचय(Introduction to MS Excel 2013)

Hello Friends here we will learn about MS Excel, What is the use of MS Excel and how It works. This is a short introduction to MS Excel. If You want to learn more stay tuned with us.

MS Excel MS Office का एक भाग है MS Excel का निर्माण Microsoft कंपनी ने किया है, MS Excel का पहला संस्करण 1985 में Mac OS के लिये जारी किया गया था, MS Excel का उपयोग Calculation के लिए किया जाता है|

MS Excel in hindi
MS Excel in hindi

MS Excel, Microsoft Office का एक Application software है। जिसकी सहायता से हम डाटाबेस पर डाटा प्रोसेसिंग का कार्य कर सकते है। एवं डाटा को स्टोर कर सकते है। इसमें डाटाबेस को मैनेज करने के लिये विभिन्न प्रकार के टूल होते है। जिसका प्रयोग करके डाटाबेस की फाॅमेंटिंग कर सकते हे। इसमें विभिन्न प्रकार की टूलबार होती है। जिसका प्रयोग करके अपने कार्य को आसानी से कर सकते है। इसमें एक एप्लीकेशन विंडो होती है। जिसके अन्दर वर्कबुक होती हैं। वर्कबुक के अन्दर वर्कसीट होती है।
एक्सेल में डाटा को वर्कशीट में स्टोर किया जाता है। इसमें रो ओर काॅलम होते है। रेा और काॅलम से मिलकर सेल बनती हैं इसमें प्रत्येक सेल का एक address होता है। जिसे सेल एड्रेस कहा जाता है। यह एड्रेस काॅलम और रो के नाम से मिलकर बना होता है। जैसे A1, B10 आदि। एक वर्कसीट में 1,048,576 रो और 16,384 काॅलम होते है। रेा का नाम Number में रहता है। और काॅलम का नाम alphabet में रहता है। इसमें कुल सेल की संख्या निम्न होती है। 1,048,576*16,384 एक वर्कवुक में 255 वर्कसीट होती है। इसमें जो फाईल बनती है। उसका extension नाम .xlsx होता है।

वर्कबुक (Workbook)

यह एक ऐक्सल फाईल होती है। जिसके अन्दर कई वर्कसीट होती है। जिसमें डाटा को स्टोर किया जाता है। एक वर्कबुक के अन्दर 255 वर्कसीट होती है। MS Excel 2013 में वाय डिफाल्ट एक ही वर्कसीट होती है। इसमें नई वर्कसीट को जोडा या डिलीट किया जा सकता है। रीनेम किया जा सकता है और इसमें सीट को काॅपी मूव आदि का कार्य सरलता से किया जा सकता है। वर्कबुक open करने पर वर्कसीट अपने आप खुल जाती है। एक समय में एक ही वर्कबुक पर कार्य किया जाता सकता है। जिसे ऐक्टिव बर्क सीट कहा जाता है।

वर्कसीट (Worksheet)

वर्कसीट बुक के पेज की तरह होती है। जिसमें हम डाटा को स्टोर कर सकते है। एक वर्कशीट में 1,048,576 रो और 16,384 काॅलम होते है। रेा का नाम Number में रहता है। और काॅलम का नाम alphabet में रहता है। इसमें कुल सेल की संख्या निम्न होती है। 1,048,576*16,384 एक वर्कवुक में 255 वर्कसीट होती है। 

सेल (Cell)


रो और काॅलम के मिलने से सेल बनती है। एक वर्कसीट में 1,048,576*16,384 cells  होती है। सेल में डाटा को लिखा जाता है। एक सेल में 255 अक्षर लिखे जा सकते है। काॅलम एवं रो के नाम को मिलाकर सेल का नाम बनता है। यह सेल का एड्रेस होता है। दो सेल एड्रेस मिलकर रेंज एड्रेस बनाते है। इसमें दो या दो से अधिक सेल को आपस में मर्ज किया जा सकता है और सेल की फाॅमेटिंग का कार्य भी किया जा सकता है।


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What is Assets and Liabilities in Hindi

October 07, 2019
What is Assets and Liabilities in hindi

What is Assets and Liabilities in Hindi

Assets और Liabilities क्या है – What is Assets and Liabilities

 Accounting में balance sheet दो categories में divide होता है: Assets और Liabilities. Assets और liabilities दोनों ही accounting में महत्वपूर्ण role निभाते हैं|

Assets और Liabilities क्या होते हैं?

What is Assets and Liabilities in hindi

Assets और Liabilities दोनों ही accounting के term में common word हैं| कुछ लोग का कहना है की assets Good हैं जबकि Liabilities bad है जो की गलत नहीं है लेकिन हम इसके कुछ technical definition देखेंगे| तो चलिए देखते हैं assets और liabilities क्या होता है?

Assets क्या होते हैं – What is Assets?

Assets वैसे goods और services होते हैं जिन्हें भविष्य में रुपयों में मापा जा सकता है| Assets वैसे resource होते हैं जो की किसी भी business में profit यानि की लाभ generate करने में सहायता करते हैं| Assets आपके वैसे समान होते हैं जो की भविष्य में आपको benefit प्रदान करती है या सिंपल शब्दों में कहें तो assets आपके पैकेट में पैसे रखता है|
Example: Cash, Investment, Land, Building etc.
यह दो प्रकार के होते हैं:
  • Fixed Assets
  • Current Assets

Fixed Assets

Fixed Assets वैसे assets को कहा जाता है जो की organisation या business को long term profit provide करता हो| Fixed assets को long term assets और Non-current assets भी कहा जाता है|
दुसरे शब्दों में कहें तो Fixed assets वैसे assets को कहा जाता है जिसे कोई भी company बहुत ज्यादा दिनों तक रखती है फिर भी उसका वैल्यू कम नहीं होता है मतलब की वैसे assets जिसे company एक financial year (वितीय वर्ष) से भी ज्यादा रख ले तो भी वह उसका वैल्यू कम न हो that means वह long term profit provide करें| सीधा शब्दों में कहें तो जितना ज्यादा दिन किसी भी सम्पति को रखें तो उसका वैल्यू धीरे धीरे बढ़ते जाये|
जैसे अगर आपके पास Land (जमीन) है तो जमीन का वैल्यू हमेशा बढ़ते रहता है और अगर आप अपने जमीन को अपने पास लम्बे समय तक रखना चाहते हैं तो उसका वैल्यू धीरे धीरे बढ़ता चला जायेगा जो की long term profit provide करेगा| वैसे assets (सम्पति) को long term assets या fixed assets कहा जाता है|
Fixed assets निम्नलिखित प्रकार के होते हैं:
  1. Tangible Fixed Assets
  2. Intangible Fixed Assets
Tangible Fixed Assets: Tangible Fixed Assets वैसे assets को कहा जाता है जिसे आप अपने जीवन में देख सकते हैं, छू सकते हैं| जैसे की Land, Building इत्यादि Tangible fixed assets हैं जिसे हम छूने के साथ साथ देख भी सकते हैं| Tangible fixed assets को Physical assets भी कहा जाता है|
Intangible Fixed Assets: Intangible Fixed Assets वैसे assets को कहा जाता है जिसे आप ना तो छू सकते हैं और ना ही देख सकते हैं| जैसे Loan. यदि आपने किसी को Loan दिया है तो वो आपके लिए long term profit है मतलब की जो लोन लिया है वह जब तक loan नहीं चुकाता है तब तक उस पर ब्याज बढ़ते रहेगा जिससे loan देने वाले को long term profit मिलता रहता है| आप जिसे loan दे दिए हैं तो फिर उसे ना ही देख सकते हैं और ना ही छू सकते हैं| वैसे assets जो organisation या business को directly show नहीं होता हो उसे Intangible Fixed Assets कहा जाता है| जैसे बैंक में रखा हुआ पैसा आपको प्रत्येक महिना interest देता है जो की आपके सामने नहीं होता है मतलब की indirectly आ रहा होता है|

Current Assets

Current assets वैसे assets को कहा जाता है जो की एक financial year या उससे भी कम अवधी में रुपयों में convert करना होता है मतलब की जो हमें short term profit provide करता है उसे Current assets कहा जाता है| Current assets को short term assets भी कहा जाता है|
दुसरे शब्दों में कहें तो Current assets वैसे assets को कहा जाता है जिसमें कोई भी business या organisation एक financial year या उससे भी कम अवधि के लिए किसी भी assets को अपने पास रखता है| यदि कोई भी company किसी current assets को limited समय से ज्यादा समय तक अपने पास रखती है तो उसका वैल्यू शून्य हो जाता है|
जैसे यदि आपके पास एक दुकान है और आपके दुकान में खाने पिने की चीजे available हैं जिन पर expiry date लिखा हुआ है तो यदि आप उन सभी समानो के expiry date से ज्यादा दिन तक अपने पास रख देते हैं तो उसका वैल्यू शून्य हो जाता है मतलब की धीरे धीरे उसका वैल्यू घटने लगता है| और expiry date के बाद वह समान आपको कोई profit प्रदान नहीं करता है बल्कि आपको नुकसान ही पहुंचा देता है|

Liabilities क्या होता है – What is Liabilities?

Liabilities का हिंदी meaning दायित्व, कर्जा या ऋण होता है| जो पैसा आपको किसी दुसरे पार्टी को देना होता है तो उसे liabilities कहा जाता है| किसी भी company के द्वारा किसी अन्य company या organisation को दिया जाने वाला राशी या मूल्य Liabilities कहलाता है| Liabilities का मतलब होता है अपने पॉकेट से पैसा को किसी दुसरे के पॉकेट में या account में send करना|
साधारण शब्दों में समझे तो किसी एक company के द्वारा दुसरे company को दिए जाने वाले सम्पति Liabilities कहलाता है| Liabilities दो प्रकार के होते हैं:
  • Non-current Liabilities
  • Current Liabilities

Non-current Liabilities

Non-Current Liabilities वैसे liabilities होते हैं जिसे हमें एक financial year या उससे अधिक समयों के बाद चुकाना होता है मतलब की वैसा liabilities जिसे हमें लम्बे समय के बाद चुकाना होता है इसीलिए इसे Long term liabilities भी कहा जाता है|
चलिए example से समझते हैं जैसे अभी आपने अपना दुकान open करने के लिए या फिर किसी भी project plan के लिए से एक बैंक से loan लिया लेकिन आपको loan चुकाने के लिए लम्बे समय की अवधि दी जाती है तो इसे long term liabilities कहा जाता है| मतलब की आपको loan चुकाने के लिए एक financial year से ज्यादा समय दिया जाता है तो use Non-current liabilities या long term liabilities कहा जाता है|
Example: Long term loan

Current liabilities

Current Liabilities वैसे liabilities को कहा जाता है जिसे हमें एक सिमित समयों में यानि की short time में चुकाना पड़ता है इसलिए इसे short term liabilities भी कहा जाता है|
सरल शब्दों में कहें तो वैसा ऋण जो हमें एक financial year या उससे भी कम अवधि में चुकाना पड़ता है उसे Current liabilities या फिर short term liabilities कहा जाता है| Current liabilities के example:
  • Electricity बिल जो की हमें प्रत्येक महीने चुकाने पड़ते हैं|
  • School fees
  • Payments to Employee
  • Tax paying
Current liabilities निम्न प्रकार के हो सकते हैं:
  • Account payable
  • Short term loan
  • Bank overdraft.

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    What is Accounting and Types of Accounting in Hindi

    October 07, 2019

    What is Accounting and Types of Accounting in Hindi

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    Accounting क्या होता है – What is Accounting and Types of Accounting in Hindi

     Accounting का हिंदी meaning लेखांकन होता है| यह एक process होता है जो की Financial Aspects (वित्तीय पहलुओ) के बारे में record रखता है| दुसरे शब्दों में हम कह सकते हैं की Accounting एक process होता है जो की किसी भी organization या business में आदान प्रदान हो रहे रुपयों के बारे में जानकारी रखता है मतलब की लिखित रूप में रखता है|
    यह दो शब्दों से मिलकर बना है लेख और अंकन| लेख का मतलब होता है लिखना और अंकन का मतलब होता है अंको में, वैसा process जहाँ पर किसी भी घटना क्रम को लिखित रूप में रखा जाता है उसे Accounting (लेखांकन) कहा जाता है| घटना क्रम मतलब रुपयों का आदान प्रदान|
    अब चलिए हम example के द्वारा समझते हैं| जैसे किसी भी बड़े बड़े organization में, business में, दुकानों में या छोटे छोटे दुकानों में भी बहुत सामान खरीद बिक्री होता है मतलब की sales और purchase होता है और इसे याद रख पाना बहुत ही मुश्किल होता है इसलिए हम खरीद और बिक्री के record को जब हम अपने Diary में या फिर computer में लिखित रूप में रखते हैं उसे Accounting कहा जाता है|

    इसके क्या फायदे होते हैं?

    दोस्तों अगर आप एक दुकानदार हैं तो इस बात को आसानी से समझ सकते हैं की इसके क्या क्या फायदे हो सकते हैं और यदि आप एक students हैं और आपको इसके फायदे के बारे में जानकारी नहीं है तो चलिए मैं बताता हूँ की Accounting के क्या क्या फायदे हो सकते हैं| जब हम अपने business के लेन देन को या फिर कोई भी दुकानदार अपने business के लेन देन की प्रक्रिया को लिखित रूप में रखता है तो उसके बहुत सारे फायदे होते हैं जो की निम्न प्रकार हैं: –
    • सबसे पहला फायदा यह होता है की हमें लेन देन के पैसो के बारे में पता चलते रहता है मलतब की किसको कितना पैसा दिया गया है या फिर किससे कितना पैसा लियें हैं इन सभी चीजो के बारे में हमें सही सही जानकारी मिलती रहती है|
    • जब हम किसी भी record को लिखित रूप में रखते हैं तो हमें बार बार अपने लेन देन की प्रक्रिया को याद नहीं रखना पड़ता है जिससे हमलोग का मन हल्का रहता है|
    • इससे हम आसानी से अपने business में हुवे लाभ या हानि का पता लगा सकते हैं|
    • इसके द्वारा हम यह भी पता लगा सकते हैं की हमारा business में अभी टोटल कितना पूंजी लगा हुआ है मतलब की कितना पैसा अभी हमारा business में लगा हुआ है या available है|

    Types of Accounting in Hindi –

    तो चलिए अब हम देखते हैं की Accounting कितने प्रकार के होते हैं| दोस्तों Accounting तीन प्रकार के होते हैं जो की इस प्रकार हैं : –
    1. Personal Account (व्यक्तिगत खाता)
    2. Real Account (वास्तविक खाता)
    3. Nominal Account (नाममात्र का खाता)

    Personal Account (व्यक्तिगत खाता)


    Personal Account वैसे account को कहा जाता है जो की किसी भी व्यक्ति, किसी कंपनी या किसी संस्था से संबंधित होते हैं| दुसरे शब्दों में कहें तो वैसा account जो किसी भी व्यक्ति, organization, company से जुड़े होते हैं उसे Personal Account कहा जाता है| जैसे की मोहन का खाता (Mohan का account), Bank account इत्यादि| Personal account के अंतर्गत निम्नलिखित खाते आते हैं:
    • Mohan account
    • Bank account
    • Capital account
    • Supplier or customer account
    • Financial and institution account
    • Drawing account
    • XYZ limited account etc.
    Personal account के अन्दर वैसे सभी account आ जाते हैं जिससे हमें ये पता चलता है की किस person से कितना पैसा लेना है या किस person को कितना पैसा देना है|

    Real Account (वास्तविक खाता)

    Real account वैसे account को कहा जाता है जो वस्तु या संपत्ति से related होते हैं| अगर accounting के term में कहें तो वैसा account जो की assets (goods and services) और liabilities (ऋण या कर्जा) से related होते हैं उसे Real Account कहा जाता है| Real account निम्नलिखित प्रकार के होते हैं:
    • Land account
    • Building account
    • Machinery account
    • Furniture account
    • Vehicles account
    • Cash account etc.

    Nominal Account (नाममात्र के खाते)



    Nominal Account वैसे account को कहा जाता है जिसमे आय (income) और खर्च (expenses) के बारे में लिखा हुआ रहता है| दुसरे शब्दों में कहें तो वैसा account जो की लाभ या हानि से related information को रखता है या लाभ और हानि से related हो उसे Nominal account कहा जाता है| Nominal account निम्न प्रकार के होते हैं:
    • Salary account
    • Interest account
    • Discount account
    • Purchase account
    • Wages account
    • Commission pay or receive account
    • Insurance account
    • Sales account etc.

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    MS Word का उपयोग कहाँ कहाँ होता है?

    October 07, 2019

    MS Word का उपयोग कहाँ कहाँ होता है?


    यह एक official word processor application software है जिसका इस्तेमाल office में बहुत सारे कामों को करने के लिए किया जाता है जैसे:
    • Letter लिखने में
    • Notice लिखने में
    • Resume बनाने में
    • Mail merge करने में
    ऐसे बहुत सारे जगहों पर जैसे School में, Office में, College में इस software का इस्तेमाल ऊपर दिए गए सभी चीज को लिखने के लिए किया जाता है|

    MS Office 2010 Home Interface

    MS Word Interface
    MS Word Interface
    ऊपर दिया गया image MS word 2010 का homepage interface है मतलब की जब आप MS word को open करेंगे तो आपको ऊपर के image जैसा show होगा| दोस्तों मैं पहले ये बता दूँ की MS Word 2007 में एक office button दिया गया था लेकिन 2010 वाले version में उसके जगह पर File Menu दे दिया गया है|

    Menu Bar

    Menu bar के अंतर्गत सभी menu आ जाते हैं जैसे की File, Home, Insert, Page Layout, References, Mailings, Review, View. इसे tab बार भी कहा जाता है| जब भी आप menu बार या tab बार पर click करेंगे तो एक ribbon menu open होता है| यह Title bar के जस्ट निचे होता है|

    Title Bar

    Title बार सबसे उपरी हिस्से को कहा जाता है जहाँ पर File name show होता है| जब तक आपका file किसी भी नाम से save नहीं रहेगा तब तक title बार में document 1 के नाम से show होगा और जब आप उस file को किसी भी नाम से save कर देंगे तो फिर title bar में Saved file name show होगा| Title बार में सबसे right side में तीन button होते हैं Minimise, Maximise और Close button.

    Quick Access Toolbar

    जैसा की नाम से ही पता चल रहा है की जल्दी access होने वाला टूलबार| जी हाँ दोस्तों जैसे आपको किसी भी file को save करना है तो आप Quick access toolbar में Save के icon से save कर सकते हैं इसके लिए आपको Menu में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी| यह Title bar के left side में होता है| जितने भी commands जो की ज्यादा use होने वाले हैं उन सभी commands को आप Quick access toolbar में add कर सकते हैं| इसके लिए आपको Quick access toolbar में दिए गए arrow के icon पर click करना होगा और उसके बाद More command पर click करना होगा|

    Scroll Bar

    Scroll bar right side में और फिर सबसे निचे show होता है| इसका काम document को ऊपर निचे करने के लिए होता है| Scroll bar Vertically और Horizontally होता है|

    Status Bar

    Status बार सबसे निचे में show होता है| Status bar में बहुत सारे option show होते हैं जैसे की Page number, Number of words, Zoom in and Zoom out इत्यादि| इसमें Zoom in और Zoom out करने के लिए एक plus और एक minus का symbol show होता है जिसके द्वारा आप page को Zoom in और Zoom out कर सकते हैं|

    Writing Area

    Writing area को text area कहा जाता है जिसमें document को लिखा जाता है| यह MS word का सबसे बड़ा भाग होता है| और शुरुवात में यह एक सादा पेपर की तरह होता है|

    Features of MS Word – MS word की विशेषताएँ

    Microsoft Word के बहुत सारे features हैं जिसके कारण यह official software बन चूका है| इसके सारे features के list अभी हम देख लेते हैं और फिर एक एक करके सभी के बारे में हम अलग पोस्ट लिखेंगे|
    1. Font Size of Selected Text (इसमें आप केवल selected text का भी font size change कर सकते हैं और साथ ही साथ Font से related सारे work कर सकते हैं जैसे font color, Bold, Italic, Underline, Strikethrough इत्यादि), Simple शब्दों में कह सकते हैं Font Formatting
    2. Paragraph Formatting (इसमें आप paragraph से related सारा work परफॉर्म कर सकते हैं जैसे Numbering, bullets, Multilevel list, Increase indent, Decrease indent, इत्यादि)
    3. Editing (इस area के अंतर्गत Find, Replace और Goto option आता है)
    4. Table creation
    5. Page
    6. Link adding
    7. Header & Footer
    8. Text
    9. Symbol
    10. Theme
    11. Page Setup
    12. Page Background
    इन सब के अलावा इसके और भी बहुत सारे features हैं जिसके बारे में हम अगले पोस्ट में सीखेंगे| तब तक के लिए इतना ही|
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      What is MS Word

      October 06, 2019

      What is MS Word (ऍम एस वर्ड क्या हैं?)

      MS Office

      यह एक आफिसियल साफ्टवेयर (Official Software) है। यह कई Application Software का संग्रह है ।जो आफिस कि सभी जरुरतो को पूरा करता है इसको अमेरिका की कम्पनी माइक्रोसाफ्ट ने विकसित किया है इस कम्पनी के अध्यक्ष दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति Bill Gates है ।

      MS office का पूरा नाम Microsoft office है । इसमे ms office के अन्दर पाये जाने वाले software word, excel, Power Point, Outlook and access है जो आफिस कि सभी जरूरतो को पूरा करते है।


      MS Word


      Microsoft Word ऍम एस ऑफिस का ही एक Software हैं| जिसको Microsoft Company द्वारा बनाया गया था यह Software विश्व में सबसे अधिक प्रयोग में आने वाला Software हैं | इसे संक्षिप्त में MS Word भी कहा जाता हैं | Microsoft Word का प्रयोग Letter Writing, Resume, Mail Merge आदि कार्यों के लिए किया जाता है इसलिए Microsoft Word को Word Processing के नाम से भी जाना जाता हैं |
      शब्द लिखना, वाक्य बनाना, पैराग्राफ बनाना, पृष्ठ तैयार करना इस प्रकार की सभी प्रक्रियाओ के द्वारा अपनी बात को सुनियोजित ढंग से प्रस्तुत करना Word Processing कहलाता हैं अपने हाथ से पेंसिल या पेन की सहायता से की गई प्रक्रिया मानवीय शब्द प्रक्रिया कहलाती हैं परन्तु जब यही कार्य कंप्यूटर की सहायता से किया जाता है तब यह इलेक्ट्रोनिक वर्ड प्रोसेसिंग कहलाती हैं |

      Boost your android mobile phones

      October 06, 2019

      Boost your android mobile phones

      Boost your android mobile phones
      Boost your android mobile phones

      Android Mobile Phone के लिये Google द्वारा Free में ढेरों Applications और Games उपलब्‍ध करायें गयें, जिस कारण हम सभी के Android Mobile Phone में ढेरों Applications और Games काम के और बिना काम के मिल जायेगें, लेकिन क्‍या आप जानते हैं, इन Applications और Games को लिमिट से ज्‍यादा Download करने से आपकी Android Device Slow हो जाती है और Hang भी होने लगती है, जिस कारण कभी-कभी इसे Reset भी करना पड जाता है, जिससे बेकार Applications तो Delete होती ही हैं, साथ ही काम की Applications भी Delete हो जाती हैं, जिन्‍हें दोबारा से Download करना पडता है, लेकिन अगर आप यह Tips अपनायेंगें तो शायद आपका Android Mobile Phone बिना Reset किये ही Boost किया जा सकता है -

      बेकार Android Applications को Uninstall कीजिये - 

      Mobile Phone में कुछ Applications ऐसी होती है, जिनको हम कभी Use नहीं करते हैं, लेकिन वह हमारी RAM को और हमारे Internal Storage को Use करती हैं, इसलिये इन App को Uninstall करना ही बेहतर है, बेकार Android Applications को Uninstall करने के लिये इन Stap को Follow कीजिये - 


      1. अपने Android Phone की Settings पर जाइये। 
      2. यहॉ Device Menu में Apps को Select कीजिये। 
      3. यहॉ आपको Downloaded और Internal SD Card के Option मिलेगें। 
      4. साथ ही आपके द्वारा  Download की गयी सभी Applications की List दिखाई देगी। 
      5. अब जिस भी Application को Uninstall करना है उस पर Touch कीजिये। 
      6. Touch करते ही आपको Force Stop और Uninstall का Option दिखाई देगा। 
      7. अब Uninstall के Option को Select कीजिये आपकी Application को Uninstall हो जायेगी।